Monday, July 16, 2012

राजनैतिक असंवेदनशीलता

राजनैतिक संवेदनशीलता बेमानी होती जा रही है और यह एक ऐसा शब्द है जो हमारे राजनीतिज्ञों के शब्द कोष से गायब है..
असम और झारखण्ड की ह्रदय विदारक और दिल दहला देने वाली यह घटना हमारे सभ्य समाज का विद्रूप चेहरा उजागर कर रही है. अब रहा महिला आयोग का प्रश्न तो यह अशंतुष्ट कार्यकर्ता और उनके परिजनों को संतुष्ट करने के लिए बनाया गया और Government द्वारा लिया गया एक प्रगतिशील कदम है जिसका Politically glamorization हो गया है और इसके बारे में कुछ कहने की कोई आवयश्कता नहीं है क्योंकि आप सभी समझ सकते हैं की मै कहना क्या चाहता हूँ.
सबसे बड़ी बात तो यह है की क्या है कोई ऐसा आयोग या कानून जो सुश्री मुखर्जी और असम के पीड़ित को न्याय दिला सके ....यह एक ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसके लिए मुझे नहीं लगता है हमारे रहनुमाओ के पास कोई भी उत्तर हो

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